JSSC पर लगा 2 लाख रुपए का जुर्माना परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी को किया गया था ब्लैकलिस्टेड
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JSSC पर लगा 2 लाख रुपए का जुर्माना
परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी को किया गया था ब्लैकलिस्टेड
कोर्ट ने आयोग को 7% ब्याज सहित कुल राशि भुगतान का आदेश दिया
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने झारखंड डिप्लोमा स्तरीय संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक करने के मामले में आरोपित कंपनी विंसेस टेक्नोलॉजी को ब्लैक लिस्ट करने के झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के आदेश को खारिज कर दिया है।गुरुवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए जेएसएससी के ब्लैक लिस्ट करने के आदेश को खारिज करते हुए जेएसएससी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।अदालत ने कंपनी की बैंक गारंटी 41 लाख और 2.90 करोड़ के बिल को सात प्रतिशत ब्याज के साथ चार सप्ताह में देने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एम.एस. रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि JSSC कंपनी की 61 लाख की बैंक गारंटी और 2.90 करोड़ के बकाया बिल को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ चार सप्ताह में भुगतान करे.
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सिर्फ पुलिस रिपोर्ट के आधार पर किसी कंपनी आजीवन ब्लैकलिस्ट नहीं किया जा सकता। विंसेंट टेक्नोलॉजी ने CGL परीक्षा 2020-21 के आयोजन की जिम्मेदारी निभाई थी।3 जुलाई 2022 को हुई इस परीक्षा का पेपर लीक गया था, जिसके बाद JSSC ने परीक्षा रद्द कर दी और कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। पुलिस ने 2024 में रिपोर्ट दी, जिसमें यह लिखा है कि कंपनी के खिलाफ जो आरोप लगा था, उसमें सत्यता नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि यदि कंपनी की सिक्योरिटी मनी जब्त की गयी है तो आयोग उसे वापस करे। झारखंड राज्य कर्मचारी आयोग की ओर से अदालत को बताया गया कि यह परीक्षा 3 जुलाई 2022 को रांची, बोकारो और पूर्वी सिंहभूम जिले में ली गई थी। पेपर लीक होने और पुलिस जांच के बाद 25 जुलाई 2022 को परीक्षा रद कर दी गई थी।