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Axiom-4 mission: अंतरिक्ष की ऊंचाइयों में भारत की उड़ान शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने की दहलीज पर

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Axiom-4 mission:अंतरिक्ष की ऊंचाइयों में भारत की उड़ान

शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने की दहलीज पर

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भारत रचेगा  इतिहास

आखिरकार आज वो दिन आ गया।जिसका 140 करोड़ भारतीयों को इंतजार था।आज 25 जून को एक्सिओम मिशन 4 को लॉन्च किया गया। ये वही मिशन है, जिसमें भारत (लखनऊ, यूपी) के शुभांशु शुक्ला भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जा रहे हैं, ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है जब कोई भारतीय ISS जा रहा हो, इस मिशन में कुल 4 लोग है, जिनमें से 3 विदेशी हैं।एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) अंतरिक्ष की एक और यात्रा मात्र नहीं है।यह अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह मिशन तीन देशों - भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ISS के लिए पहली सरकारी समर्थित उड़ान है। स्पेसएक्स की मदद से एक्सिओम मिशन 4 को भेजा गया है।ये मिशन 14 दिन के लिए होगा, यहां भारत के शुभांशु शुक्ला 14 दिन तक प्रयोग करेंगे। इस मिशन में बाकी तीन विदेशी अंतरिक्ष यात्री के नाम है।

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कौन है कैप्टन शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ था। उन्होंने फ्लाइट साइंस और एविएशन की पढ़ाई की। शुभांशु ने भारतीय वायुसेना में अपने करियर की शुरुआत एक युवा पायलट के रूप में की थी और अब तक उन्होंने कई अहम मिशनों में भाग लिया है।

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ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारत के पहले अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चयनित किए गए चार अंतरिक्षयात्रियों में से एक हैं। शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी पायलट और टेस्ट फ्लाइंग विशेषज्ञ हैं।जिन्हें हाल ही में Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरने के लिए नामित किया गया है। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक साबित होने वाला है क्योंकि इसमें पहली बार कोई भारतीय वैज्ञानिक और वायुसेना अधिकारी विदेशी सहयोग से अंतरिक्ष स्टेशन तक जाएंगे।अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। शुभांशु शुक्ला की ये यात्रा 1984 में  राकेश शर्मा की यात्रा के चार दशक बाद हो रही है। 1984 में राकेश शर्मा ने रूस के सोयुज अंतरिक्षयान पर अंतरिक्ष की यात्रा की थी।शुभांशु वर्ष 2019 में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने गए थे। उन्होंने भारत और रूस के बीच गगनयान मिशन की ट्रेनिंग के लिए हुए समझौते के तहत 2021 में मॉस्को में गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण हासिल किया

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भारत की अंतरिक्ष यात्रा का सफर

भारत की तरफ से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति राकेश शर्मा थे। उन्होंने 3 अप्रैल, 1984 को सोयूज टी-11 अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।कल्पना चावला को अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में जाना जाता है। वह एक भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और एयरोस्पेस इंजीनियर थीं। 1997 में, वह अंतरिक्ष शटल कोलंबिया पर मिशन विशेषज्ञ के रूप में अपनी पहली उड़ान पर गई, जिससे वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं23 अगस्त 2023 को, भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी। जब चंद्रयान-3 लैंडर ने चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग पूरी की।भारत को यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना दिया था।भारत ने अब तक तीन चंद्रयान मिशन लॉन्च किए हैं। चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3। चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर, 2008 को लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया गया था। और चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया था।

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भारत के प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियां

भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड हैं। इसरो भारत सरकार की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।

एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड , इसरो की लाभदायक शाखा जो उपग्रह प्रक्षेपण सेवाएं, संचार सेवाएं और अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोग प्रदान करती है।

- राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएआरएल) एक स्वतंत्र अनुसंधान और विकास संस्थान जो वायुमंडलीय अनुसंधान में शामिल है।

-राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) हैदराबाद में स्थित, यह केंद्र विभिन्न क्षेत्रों के उपयोगकर्ताओं के लिए उपग्रह डेटा प्रदान करता है।

-अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) अहमदाबाद में स्थित, यह केंद्र अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग और रिमोट सेंसिंग प्रोग्राम पर काम करता है।

-विकास और शैक्षिक संचार इकाई (डेकू) अहमदाबाद में स्थित, यह इकाई विभिन्न मल्टीमीडिया कार्यक्रमों के निर्माण और वितरण में शामिल है।

-भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) तिरुवनंतपुरम में स्थित, यह संस्थान अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षा और अनुसंधान पर केंद्रित है।

-भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) अहमदाबाद में स्थित, यह प्रयोगशाला खगोल भौतिकी, खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान में अनुसंधान करती है।

इन एजेंसियों और केंद्रों के अलावा, भारत में कई अन्य अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र और इकाइयाएं हैं जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए काम करती हैं।

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