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मानसून के साथ बाज़ार में बिकने लगा "शाकाहारी मटन" 1000 रूपये प्रति कीलो मिल रहा बाज़ार में

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मानसून के साथ बाज़ार में बिकने लगा

"शाकाहारी मटन" 1000 रूपये प्रति कीलो मिल रहा बाज़ार में

टेस्ट में लाजवाब ,जंगलों के बीच उगने वाला टेक्नोस

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झारखंड झाड़ियो जंगलों से भरा पूरा प्रदेश यह जंगल जो हमें जीवन से लेकर जीवन जीने के कई साधन देती है कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। यह जंगल फल फूल औषधि से लेकर कई ऐसी चीज इंसानों को उपलब्ध कराती हैं जो इंसानों को एक नई अनुभूति कराती है।

ऐसा ही एक खाने वाली चीज है टेक्नोस, झारखंड की भाषा में लोग इसे "शाकाहारी मटन" भी कहते हैं।इसका स्वाद इतना लाजवाब होता है कि वे लोग जो शाकाहारी होते हैं। इसे खाने के लिए इंतजार करते रहते हैं। वैसे यह सालों भर नहीं मिलता और सभी जगह पर नहीं मिलता। इसी कारण से जब यह बाजार में मिलना शुरू होता है।लोग इसे खरीदने और इसके स्वाद के लिए उत्सुक नजर आते है।इसका मूल्य तो मटन से ज्यादा इसका दाम होता है।और मानसून की शुरुआत में यह झारखंड के कुछ खास क्षेत्रों व जंगलों में पाए जाते हैं।

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बरसात के मौसम में अगर आप भी मटन खाने के शौकीन है लेकिन आपको इसका जायका शाकाहारी व्यंजन में लेना है, तो आपके लिए यह बाजारों में एक खास प्रोडक्ट आ चुका है।ऐसे तो यह झारखंड के लोगों के लिए कोई नया खाद्य पदार्थ नहीं है।लेकिन यहां के लोग इसका बेसर्बी से इंतजार करते है।झारखंड के जंगल में पायी जाने वाली ये मशरूम की प्रजाति मानसून की बारिश के बाद बाजारों में दिखने लगी है।इसमें भरपूर मात्र में प्रोटीन होता है. कैलोरी और फैट की मात्र बहुत ही कम होती है.।ये दिखने में छोटे-छोटे छतरी और आलू की तरह होते है।यह मशरूम प्रजाति का होता है।

यह आम मशरूम के विपरीत जमीन के भीतर पैदा होता है। साथ ही यह किसी भी जगह नहीं होता केवल साल के पेड़ के नीचे ही होता है. बरसात के मौसम में जंगलों में साल के पेड़ के नीचे दरारों में पानी पड़ते ही यह पनपना शुरू हो जाता है।

गांव में रहने वाली महिलाएं इसे जंगलों में बड़ी मेहनत से बरसात के मौसम में चुनकर के लाती है।फिर इसमें लगी हुई मिट्टी और धूल को बड़े अच्छे से साफ करती है। और फिर इसे सफाई के साथ बाजार में बेचने के लिए लाती है। इतनी मेहनत करने के कारण यह 500 से 1000 रुपए किलो बाजारों में बिकता है।

यहां के लोग इस देशी शाकाहारी मटन का इंतजार साल भर करते है। तब जाकर एक बार यह मिलता है वह भी बहुत ही कम समय के लिए. कहा जाता है कि कैंसर और अस्थमा जैसे बीमारी के लड़ने में भी यह फायदेमंद साबित होता है।

आज जोहर हजारीबाग के प्रतिनिधि फैज अनवर ने

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टेक्नोस बेचने व खरीदने आए ग्राहकों से बातचीत की एक ग्राहक ने बताया कि यह सालों भर नहीं मिलता है केवल बारिश के मौसम में ही बिकता है जिसके कारण शाकाहारी लोगों में इसकी काफी डिमांड है इसीलिए बाजार में यह अधिक दाम में बिकता है।

एक दूसरे व्यक्ति ने बताया कि टेक्नोस जंगलों में प्रकृति से मिलने वाली एक सुंदर देन है।यह धरती को चीर कर होती है। शाकाहारी लोगों के लिए यह बहुत ही सुंदर स्वादिष्ट और लाजवाब व्यंजन है।

एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि यह प्रकृति से मिलने वाली चीज है इसीलिए इसमें कई तरह के विटामिन प्रोटीन जैसे पोषक तत्व मिलते हैं इसके खाने से कई तरह की बीमारियां भी दूर होती है ऐसी मान्यता है।

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