बिना विकल्प दिए पुरानेव भवन को तोड़ना छात्रों के भविष्य खिलवाड़ करना है
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नया विद्यालय भवन तैयार नहीं
पुराने की हो रही है तोड़ने की तैयारी
छात्रों और ग्रामीणों में आक्रोश,
बिना विकल्प दिए पुरानेव भवन को तोड़ना छात्रों के भविष्य खिलवाड़ करना है
मामला हजारीबाग जिला के केरेडारी प्रखंड के जोरदाग गांव का है।जोरदाग उत्क्रमित मध्य विद्यालय के तीन सौ व बच्चों का भविष्य कोल कंपनी के हित के कारण बीच मझधार में फंस गया है।
एनटीपीसी कोल परियोजना से प्रभावित होने के कारण जोरदाग उत्क्रमित मध्य विद्यालय को आगर टोला के एक पांचवीं कक्षा तक संचालित होने वाली स्कूल में शिफ्ट कराने की कवायद चल रही है।
विस्थापन की समस्या
कोयला उत्खनन के कारण केरेडारी में विस्थापन एक बड़ी समस्या है। ऐसे में जिस स्थान पर विद्यालय है वह क्षेत्र का भी अतिक्रमण कर लिया गया है और उसे थोड़ा जाना है।तो यह सवाल उठाना जायज है कि बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। विद्यालय भवन को तोड़ने के पूर्व इसे सुलभ और सही जगह पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए था।
जोरदाग उत्क्रमित विद्यालय कक्षा 1 से 8 तक है जबकि उन्हें एक ऐसे विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है।जहां कक्षा एक से पांच तक के बच्चे ही पढ़ाई करते हैं और उसे स्कूल में पूर्व से ही संसाधनों की कमी है। ऐसे में यह छात्र भी जब वहीं शिफ्ट कर जाएंगे।तो उनका क्या होगा इस स्थिति का जायजा लिया जाना जरूरी है। अन्यथा छात्रों का भविष्य अधर में लटक जाएगा।
क्यों है ग्रामीणों में आक्रोश
विद्यालय स्थानांतरित करने और उसे तोड़े जाने के मामले में स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश है क्योंकि स्थानीय कंपनी द्वारा विद्यालय को तोड़ने के पूर्व वहां के बच्चों को स्थानांतरित होने वाली जगह उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। जिस विद्यालय को तोड़ा जा रहा है वहां की स्थिति उस विद्यालय से कई गुना बेहतर है जहां उन्हें स्थानांतरित करने का योजना बनाया जा रहा है। लेकिन स्थानांतरण के पूर्व ही विद्यालय को तोड़ा जाने का प्रयास शुरू हो गया है।और जिस विद्यालय में बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है। वहां की स्थिति पहले से ही खराब है। इस संदर्भ में स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बिना सही विकल्प दिए विद्यालय को तोड़ा जाना जायज नहीं है।
विद्यालय में स्थानांतरण नहीं किए जाने को लेकर चंद्रगुप्त कोल परियोजना के महा प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने उपायुक्त को लिखित रूप से कहा है । कहा कि जिस विद्यालय में बच्चों को शिफ्ट कराया जा रहा है वह विद्यालय चंद्रगुप्त कोल क्षेत्र में आता है। इसलिए इन बच्चों को अन्यत्र कहीं स्थानांतरित की जाए। लोगों का कहना है कि 300 बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था को कोल कंपनी के लिए छीना जा रहा है। अगर यही करना था तो कहीं कोयलांचल क्षेत्र से हटकर उनके लिए एक खूबसूरत विद्यालय स्थापित किया जाता तो सराहनीय कदम होता।यही कारण है कि जोरदाग गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय को बिना वैकल्पिक भवन या अस्थायी व्यवस्था के हटाने की प्रक्रिया ने ग्रामीणों को आंदोलित कर दिया है।
समस्या के समाधान को लेकर विचार किया जा रहा -उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह
स्थानीय ग्रामीण भी इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके नौनिहाल कहां शिक्षा प्राप्त करेंगे. सोमवार को बच्चे विद्यालय गए थे. मंगलवार को नोटिस लगाने के बाद नए विद्यालय में छात्र और शिक्षक गए. वहां बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाए और अब सभी इस बात को लेकर परेशान हैं कि आगे क्या स्थिति बनेगी. इस पूरे प्रकरण में हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने कहा है कि इस मामले के समाधान को लेकर उत्खनन करने वाली कंपनी के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है. बहुत जल्द समस्या का समाधान कर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा प्राथमिकता है