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हजारीबाग में मिला जाइंट स्कॉर्पियन ,एशिया का सबसे बड़ा बिच्छू

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हजारीबाग में मिला जाइंट स्कॉर्पियन ,एशिया का सबसे बड़ा बिच्छू

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बदलते मौसम के साथ हजारीबाग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में देखने को मिला दुर्लभ जाइंट स्कॉर्पियन

जाइंट स्कॉर्पियन  का मिलना क्या संदेश देता है

जायंट स्कॉर्पियन का हजारीबाग में पाया जाना कई खास बातों को इंगित करता है-

हजारीबाग की जलवायु और तापमान जायंट स्कॉर्पियन के लिए उपयुक्त  हैं, जो गर्म और नम वातावरण में पनपते हैं।हजारीबाग के वन क्षेत्र और जैव विविधता जायंट स्कॉर्पियन के लिए उपयुक्त आवास का रूप हो सकते हैं।यहां की भूमि की संरचना, जैसे कि पत्थर, लकड़ी और मिट्टी, जायंट स्कॉर्पियन के लिए आश्रय और रहने के लिए अनुकूल हो सकती है।हमारे हजारीबाग में सैकड़ो प्रकार की कीड़े मकोड़े पाए जाते हैं, कीटों की उपलब्धता जायंट स्कॉर्पियन के लिए भोजन का स्रोत हो सकती है, हजारीबाग में जायंट स्कॉर्पियन का पाया जाना इस क्षेत्र की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की समृद्धि को दर्शाता है। यह इस क्षेत्र में संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता और विकास को बताता है जो इस प्रजाति और इसके आवास के अनुकूल संरक्षण देता है।

जाइंट स्कॉर्पियन की खूबियां या खासियत क्या है

जायंट स्कॉर्पियन (जीनस: Heterometrus) दुनिया के सबसे बड़े बिच्छुओं में से एक है, जो मुख्य रूप से एशिया में पाया जाता है। इनकी कुछ प्रजातियाँ भारत, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य हिस्सों में भी पाई जाती हैं। ये बिच्छू काफी बड़े होते हैं और इनकी लंबाई 12 से 21 सेंटीमीटर तक हो सकती है। इनका डंक (Sting) जहरीला होता है, लेकिन अधिकांश प्रजातियों का विष मनुष्यों के लिए जानलेवा नहीं होता। हालांकि, डंक मारने पर दर्द और सूजन हो सकती है।

कैसे करता है शिकार

जायंट स्कॉर्पियन अपने शिकार को पकड़ने के लिए अपने शक्तिशाली पंजों का उपयोग करते हैं और फिर अपने डंक से उन्हें निष्क्रिय कर देते हैं। इसके बाद, वे अपने शिकार को पचा लेते हैं।

ये बिच्छू नम और गर्म वातावरण में पाए जाते हैं और अक्सर पत्थरों, लकड़ियों या जमीन में बने छेदों में रहते हैं।जायंट स्कॉर्पियन मुख्य रूप से कीटभक्षी होते हैं और अपने शिकार को पकड़ने के लिए अपने डंक का उपयोग करते हैं।

ये बिच्छू अपने बड़े आकार और शक्तिशाली पंजों के कारण काफी डरावने लगते हैं, लेकिन अधिकांश प्रजातियाँ मनुष्यों से बचने की कोशिश करती हैं।

बिच्छुओं का प्रजनन और विकास का मौसम प्रजाति और भौगोलिक स्थान पर निर्भर करता है। आमतौर पर, गर्म और नम मौसम में ये अधिक सक्रिय होते हैं और प्रजनन करते हैं। भारत में, मानसून के मौसम के दौरान इनकी गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं क्योंकि नमी और तापमान इनके विकास के लिए अनुकूल होते हैं।इसके नेत्र अंधेरे में भी अच्छी तरह से काम करते हैं, जो इसे अपने शिकार को ढूंढने में मदद करते हैं।

इसकी प्रमुख प्रजातियां

जायंट स्कॉर्पियन की कई प्रजातियाँ हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रजातियाँ हैं:

हेटरोमेट्रस स्वामर्डैमी (Heterometrus swammerdami) यह दुनिया के सबसे बड़े बिच्छुओं में से एक है, जो एशिया में पाया जाता है।

हेटरोमेट्रस लोंगिमैनस (Heterometrus longimanus): यह प्रजाति भी एशिया में पाई जाती है और अपने बड़े आकार और शक्तिशाली पंजों के लिए जानी जाती है।

पैनडिनस रिग्नायस (Pandinus imperator) यह प्रजाति अफ्रीका में पाई जाती है और अपने बड़े आकार और काले रंग के लिए जानी जाती है।

पर्यावरणविद् का कहना है कि जायंट स्कॉर्पियन की विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन और संरक्षण महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये पारिस्थितिकी तंत्र में कीटों की आबादी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।इन प्रजातियों में से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट विशेषताएं और आवास होते हैं। जायंट स्कॉर्पियन की प्रजातियों का अध्ययन करने से हमें इन जीवों के बारे में अधिक जानकारी मिलती है और हमें उनकी रक्षा और संरक्षण में मदद मिलती है।

हज़ारीबाग़ के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अमित जैन ने इस बिच्छू की तस्वीर अपने कैमरे में किया क़ैद

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