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हज़ारीबाग़ में हाथी के हमले से एक युवक की गई जान मुन्ना सिंह ने थामा परिजनों का हाथ, मुआवज़ा दिलाने में निभाई सक्रिय भूमिका
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हज़ारीबाग़ में हाथी के हमले से एक युवक की गई जान
मुन्ना सिंह ने थामा परिजनों का हाथ,
मुआवज़ा दिलाने में निभाई सक्रिय भूमिका
हजारीबाग के ग्रामीण इलाकों में लगातार हाथियों की गस्ती बढ़ गई है। आए दिन हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश कर रहा है, जिसके कारण जान माल की क्षति के साथ लोगों के घरों को भी हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं ग्रामीण क्षेत्र के लोग डरे सहमे है। अभी कुछ दिन पहले ही झुमरा, इचाक केरेडारी के ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों ने आतंक मचाया था। 10 वर्षों में 135 घर तोड़े अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है।हाथियों ने जोराकाठ और गाली में 5 दिनों में 42 मकान क्षतिग्रस्त किए थे, 6 दिन पूर्व हथिनी ने बच्चों को दिया जन्म थे।11 अप्रैल 2025 को बड़कागांव मध्य पंचायत निवासी 79 वर्षीय मसोमात रोहिणी देवी की मौत हाथी के चपेट में आने से हुई थी
कल ही हजारीबाग ज़िले के बहेरी पंचायत अंतर्गत हरिजन टोला निवासी रंजीत कुमार दास की असमय मृत्यु ने पूरे इलाके को शोक और पीड़ा में डुबो दिया है। शुक्रवार की सुबह जब रंजीत शौच के लिए गुड़वा जंगल गया था, तभी जंगली हाथी के अचानक हमले में उसकी मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल एक परिवार को उजाड़ गई, बल्कि पूरे समाज को मानव और वन्यजीव के बीच बढ़ते संघर्ष की भयावहता का एहसास भी करा गई। घटना की सूचना मिलते ही कांग्रेस पार्टी के सदर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी और नगर निगम प्रभारी मुन्ना सिंह मौके पर पहुँचे। जहां उन्होंने पूरे घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया और मृतक के परिजनों से मिलकर गहरी संवेदना व्यक्त की। मौके पर बहेरी पंचायत के मुखिया पप्पू यादव और सखियां पंचायत के मुखिया इम्तियाज आलम भी मौजूद रहे। जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में पीड़ित परिवार को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुन्ना सिंह ने वन विभाग और मुफ्फसिल थाना को त्वरित रूप से सूचित कर राहत और बचाव कार्यों को गति देने का आग्रह किया। उन्होंने शव को सदर अस्पताल भिजवाकर पोस्टमार्टम की तत्काल व्यवस्था कराई और अधिकारियों से बात कर ₹50,000 की तात्कालिक मुआवज़ा राशि पीड़ित परिवार को उपलब्ध कराई। उन्होंने स्पष्ट किया कि शेष मुआवज़ा राशि भी जल्द से जल्द परिवार को दी जाएगी। मौके पर पत्रकारों से बातचीत में मुन्ना सिंह जी ने कहा कि यह केवल एक प्राकृतिक दुर्घटना नहीं है, बल्कि एक प्रशासनिक और पारिस्थितिकीय चेतावनी भी है। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों और इंसानों के बीच बढ़ते टकराव को अब गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सरकार से मैं आग्रह करता हूं कि ऐसी घटनाओं पर त्वरित, मानवीय और संवेदनशील प्रतिक्रिया देनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वयं इस मामले में निगरानी करते रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि रंजीत के परिवार को न्याय, आर्थिक सहायता और सामाजिक सम्मान मिल सके। सिंह ने यह भी माँग की कि जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस योजनाएँ बनाई जाएँ। चेतावनी प्रणाली, सुरक्षा दीवारें, वन निगरानी टीमों और पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक समन्वित रणनीति बनाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
