पुत्री जिस फ्लाईओवर का कर रही थी विरोध, पिता के नाम पर समर्पित कर किया गया फ्लाईओवर का उद्घाटन
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पुत्री जिस फ्लाईओवर का कर रही थी विरोध,
पिता के नाम पर समर्पित कर किया गया फ्लाईओवर का उद्घाटन
आदिवासी परंपरा और अस्मिता के सुरक्षा के नाम पर, सिरम टोली में बन रहे फ्लाईओवर रैंप के विरोध में पिछले 1 सालों से आदिवासी समुदाय रैंप हटाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे।अंततः आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा फ्लाईओवर का उद्घाटन कर दिया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फ्लाईओवर का नाम झारखंड के आंदोलनकारी व प्रमुख नेता कार्तिक उरांव के नाम पर नामांकरण किया है।
रांची के सिरमटोली फ्लाईओवर को लेकर एक दिलचस्प राजनीतिक मोड़ सामने आया है। जिस फ्लाईओवर के रैंप के विरोध में झारखंड बंद के दौरान 4 जून को पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव को गिरफ्तार किया गया था, अब उसी फ्लाईओवर का नाम उनके पिता और वरिष्ठ आदिवासी नेता कार्तिक उरांव के नाम पर रख दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में यह घोषणा करते हुए कहा कि “इस तरह हम अपने पूर्वजों को सम्मान देने जा रहे हैं।” इस फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में जोरदार चर्चा है। विश्लेषक मानते हैं कि हेमंत सोरेन ने एक तीर से दो शिकार किए हैं — एक ओर आदिवासी विरासत को सम्मान दिया, दूसरी ओर हालिया विरोध को राजनीतिक सूझबूझ से जवाब भी दे दिया।
कौन है झारखंड के वरिष्ठ नेता कार्तिक उरांव
कार्तिक उरांव का जन्म झारखंड(संयुक्त बिहार) राज्य के गुमला जिले के करौंदा लिटाटोली नामक गाँव में कुरुख समुदाय में हुआ था। वे अपने पिता जैरा उरांव और माँ बिरसी उरांव की चौथी संतान थे। उनका नाम कार्तिक रखा गया क्योंकि उनका जन्म हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने में हुआ था ।1942 में गुमला में हाई स्कूल पूरा करने के बाद , उरांव ने साइंस कॉलेज, पटना से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग , पटना से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी की। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और यूनाइटेड किंगडम के संस्थानों से कई योग्यताएँ हासिल कीं।उन्हें अपनी विदेशी शिक्षा और उरांव सादरी और कुरुख भाषाओं के उपयोग के लिए कुरुख समुदाय के सबसे शिक्षित व्यक्तियों में से एक माना जाता था
उन्होंने कई आधिकारिक पदों पर कार्य किया।तीन बार भारतीय संसद में लोहरदगा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे भारत सरकार के उड्डयन और संचार मंत्री थे। 8 दिसंबर 1981 को नई दिल्ली में उनका निधन हो गया । वे लोहरदगा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे। कुरुख लोगों के लिए उन्हें राष्ट्रीय नायक के रूप में देखा जाता था। उन्हें बाबा कार्तिक साहेब के नाम से भी जाना जाता था । उन्होंने सबसे पहले आदिवासियों को इसी धर्मांतरण का स्पष्ट रूप से विरोध किया था।इन्होंने ने अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद संगठन की स्थापना की थी। भारत की आजादी आंदोलन में इन्होंने सच्चे रूप से भागीदारी निभाई थी।
कौन है गीता श्री उरांव
गीता श्री उरांव एक प्रमुख आदिवासी नेता हैं जो झारखंड में सक्रिय हैं। वह अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं और झारखंड की पूर्व मानव संसाधन मंत्री भी रही हैं। गीता श्री उरांव आदिवासी अधिकारों और मुद्दों पर मुखर हैं, खासकर धर्म कोड और आदिवासी धार्मिक स्थलों के संरक्षण के संबंध में।
हाल ही में, उन्होंने सिरम टोली रैंप हटाने के मुद्दे पर आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने सरकार से सरना स्थल के सामने से रैंप हटाने की मांग की। इस आंदोलन के दौरान पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने के मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। गीता श्री उरांव आदिवासी समुदाय के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए काम करती हैं और झारखंड के विभिन्न मुद्दों पर सरकार के साथ बातचीत में शामिल रही हैं।
30 मिनिट की दूरी 5 मिनिट में होगी पूरी
सिरम टोली फ्लावर आधुनिक तकनीक के प्रयोग से बनाई गई है। जिसके कारण यह फ्लाईओवर काफी मजबूत है। सिरम टोली से मेकॉन तक की यात्रा में सामान्यतः 30 मिनट का समय लगता था।जो इस फ्लाईओवर के बनने के कारण 5 मिनट में पूरी की जा सकेगी ।इससे रांची में आम लोगों को जाम से छुटकारा भी मिलेगा।