सिरम टोली रैंप हटाने को लेकर विरोध झारखंड बंद का आवाहन 4June को बंद
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सिरम टोली रैंप हटाने को लेकर विरोध
झारखंड बंद का आवाहन 4June को बंद
सरना स्थल के पास से रैंप हटाने, शराब नीति को रद्द करने,और कई मांगों को लेकर 4 जून को विभिन्न आदिवासी संगठन ने संयुक्त रूप से झारखंड बंद बुलाया है।
क्या है सरना स्थल
सरना स्थल झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार और ओडिशा के छोटानागपुर क्षेत्र के आदिवासियों की एक पारंपरिक पूजा स्थल है। यह एक पवित्र स्थल है। जहाँ गाँव के लोग गाँव के उत्सव में अनुष्ठान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। यहां आदिवासियों द्वारा ग्राम देवता, जाहेर बुढ़ी, सिंग बोंगा, बुरु बोंगा आदि की पूजा की जाती है। मुंडा, संथाल, भूमिज, हो, उरांव, माहली आदि जनजातीय समुदाय अपनी धार्मिक अनुष्ठान सरना स्थल में करते हैं।
क्या है रांची का सिरम टोली रैंप विवाद
सिरम टोली के पास सरना स्थल के सामने से रैंप हटाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है।आंदोलनकारियो का कहना है कि रैंप की वजह से सरना स्थल में प्रवेश का रास्ता छोटा हो गया है। पहले यह रैंप कुछ आगे बनने वाला था।परंतु अब इसे सरना स्थल के मुख्य द्वार के समक्ष बना दिया गया। जिसे कहीं ना कहीं केंद्रीय सरना स्थल के क्षेत्र में कमी हुई है। आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व सरहुल के मौके पर हजारों की संख्या में लोग सरना स्थल तक अपने जुलूस के साथ पहुंचते हैं। ऐसे में रैंप का सरना स्थल के मुख्य द्वार के ठीक सामने होना उचित नहीं है ।यह केंद्रीय सरना स्थल है जहां पूरे झारखंड के आदिवासी पहुंचते हैं।इसलिए सरहुल शोभायात्रा के दिन श्रद्धालुओं को सरना स्थल में प्रवेश के दौरान बहुत दिक्कत होगी।लिहाजा, हर हाल में वहां से रैंप को हटाना होगा।
आंदोलन और मुकदमा
यह विषय जब आदिवासीयो और उनके नेताओं को पता चला है कि सरना स्थल के बिल्कुल सामने रैंप का निर्माण कराया जा रहा है।उसके बाद से ही झारखंड भर के आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं। उनका आंदोलन विभिन्न चरणों में चला यह आंदोलन एक वर्ष से छोटे-बड़े रूप में लगातार जारी है। आंदोलन की व्यापकता को देखते हुए इसका नेतृत्व कर रहे नेताओं पर मुकदमे भी दर्ज किए गए ,परंतु आदिवासी समाज फिर भी अपनी मांगों पर पड़े हुए हैं।सिरम टोली रैंप हटाने को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है।इस मामले में पूर्व में ही गीताश्री उरांव समेत 21 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
सरकार व जनप्रतिनिधि से वार्ता
सरना समिति के नेताओं और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हुई परंतु वार्ता सफल नहीं हो पाई, सरकार के मंत्रियों ने अपने-अपने स्तर पर बयान तो दिए कि सरना स्थल और रैंप से जुड़े विवाद का समाधान जल्द कर लिया जाएगा।परंतु मुख्यमंत्री के द्वारा इस विषय पर अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। ऐसे में लंबे समय से आंदोलन कर रहे आदिवासी समुदाय के लोगों में सरकार के प्रति भी विरोध की आवाज बढ़ रही है। आदिवासी नेताओं का कहना है कि आदिवासी मुख्यमंत्री व उनकी सरकार होने के बावजूद भी आदिवासियों के पूजा स्थल, संस्कृति उनके रीति रिवाज के साथ ही खिलवाड़ हो रहा हैं।