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रेलवे टिकट में तत्काल टिकट रिजर्वेशन के नाम पर लोगों को ठगने का नया scam सामने आया है

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अब आधार वेरिफिकेशन से होगा तत्काल रेलवे टिकट बुकिंग

2.5 करार यूजर आईडी को किया ब्लॉक

आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी ने बहुत कुछ बदला,तेजी से बदलती हुई दुनिया,तेजी से बदलता रहन सहन,तेजी से बदलते हमारे जीवन जीने के तौर तरीके,आधुनिक युग में हमें बहुत सारी सुविधाएं मिली है,हमारी निर्भरता तकनीकों पर बढ़ी है।लेकिन इन सुविधाओं के साथ-साथ ऐसे अन्य की चीज भी हमारी जिंदगी में शामिल हुई है जिन्हें हम अपने जीवन का हिस्सा तो नहीं बनना चाहते हैं परंतु फिर हमारे जीवन में शामिल है इंटरनेट पर बढ़ती भी निर्भरता ने हमारे लिए कई प्रकार के खतरे भी सामने खड़े कर दिए आज देश की 65% आबादी इंटरनेट से जुड़ी हुई है लेकिन इंटरनेट से जुड़े रहने का मतलब नहीं होता है कि इंटरनेट के बारे में हम सब कुछ जानते हैं या पूरी तरह से जागरूक है।

हमारी पूरी तरह से जानकारी के न होने के कारण ही आजकल ऑनलाइन फ्रॉड धोखाधड़ी जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है एक विशेष समुदाय इस तरह के धोखाधड़ी के लिए लोगों को शिकार बनाते रहता है हाल ही में फ्रॉड कॉल वीडियो कॉल अनवांटेड लिंक सुविधा देने के नाम पर ऑनलाइन ठगी जैसी घटनाएं बढ़ी है।

ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने के मोटिव से लोग अब उन हर चीजों का दुरुपयोग करने लगे हैं। जहां से अधिक से अधिक मुनाफा हो।

हाल ही में रेलवे टिकट में तत्काल टिकट रिजर्वेशन के नाम पर लोगों को ठगने का मामला सामने आया है। देश के अर्थव्यवस्था में रेलवे जो सबसे अधिक राजस्व देने का काम करती है।सबसे अधिक रोजगार नियुक्ति का माध्यम है।उसमें भी अब अलग तरह से ठगी के मामले सामने आए हैं।इन मामलों को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री व उनसे संबंधित विभाग ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किये हैं।

क्या है तत्काल टिकट बुकिंग

रेलवे द्वारा दी जाने वाली एक ऐसी विशेष सुविधा जिसमें कोई यात्री यदि आपातकालीन स्थिति में उसे कहीं जाना हो और उसने रेलवे से टिकट नहीं करवाया तो ऐसी स्थिति में तत्काल टिकट बुकिंग भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली एक विशेष सेवा है, जो यात्रियों को उनकी यात्रा से एक दिन पहले टिकट बुक करने की अनुमति देती है। यह सेवा उन यात्रियों के लिए उपयोगी है जिन्हें अचानक यात्रा करनी पड़ती है या जिन्हें सामान्य टिकट बुकिंग में सीट नहीं मिली है।

तत्काल रेलवे टिकट बुक करने के लिए ट्रेन के खुलने की कुछ घंटे पहले एक निश्चित समय तक टिकट करने का समय दिया जाता है इस समय अंतराल के बीच में उपलब्ध सीट के आधार पर तत्काल टिकट बुकिंग किया जाता है।

कैसे होता है तत्काल टिकट के नाम पर फ्रॉड

रेलवे सफर करने के लिए कई लोग IRCTC से टिकट बुक करते हैं।. पहले टिकट बुक करा लिया तो ठीक, अगर तत्काल टिकट बुक करना हो तो पसीने छूट जाया करते हैं। 10 बजते ही IRCTC की ऐप या वेबसाइट ठप पड़ जाती थी. कुछ देर बाद जैसे-तैसे खुलती थी तो सीट फुल हो जाती थीं और वेटिंग टिकट ही मिल पाती थी।इसके पीछे के विलेन दलाल थे। जो गंदा काम करके 2 मिनट में ही सीट फुल कर देते थे. IRCTC पर अक्सर यह देखा गया कि अनधिकृत एजेंट फर्जी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके कई फर्जी प्रोफाइल बनाते थे. जैसे मान लीजिए कि एक यात्री ‘A’ को दिल्ली से आगरा जाना है. वह एक एजेंट के पास टिकट बुक कराने के लिए जाता है. वह एजेंट 30 अलग-अलग ईमेल ID और मोबाइल नंबर से 30 फर्जी अकाउंट बनाता है।जब टिकट बुकिंग शुरू होती है, तो ये एजेंट 30 बार अलग-अलग प्रोफाइल से टिकट बुक करने की कोशिश करता है. इससे उस यात्री को टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन बाकी आम यात्रियों के लिए सिस्टम में भीड़ बढ़ जाती है और उनके टिकट कन्फर्म नहीं हो पाते.

बड़े पैमाने पर जब एक-एक यात्री के लिए 30-30 बार बुकिंग की कोशिश होती है, तो सिस्टम पर बहुत ज्यादा लोड पड़ता है. सोचिए, अगर 1,000 यात्री ऐसे एजेंट्स के जरिए टिकट बुक कराएं, तो एक साथ 30,000 टिकट बुकिंग की कोशिश होती है. इसका सीधा असर उन यात्रियों पर पड़ता है जो खुद सिर्फ एक बार टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे होते हैं।

घोटाले की पृष्ठभूमि और सुधार

2016 में तत्काल टिकट बुकिंग में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसमें फर्जी नामों से टिकट बुक कर उन्हें असली यात्रियों को ट्रांसफर किया जाता था। रेलवे ने तब कैप्चा, OTP लॉगिन और बुकिंग लिमिट जैसे कई सुधारात्मक कदम उठाए। लेकिन लोकल सर्कल्स के इस नए सर्वे से स्पष्ट है कि एजेंट्स की पकड़ अब भी बनी हुई है और तकनीकी सुधार भी यात्रियों को राहत देने में नाकाम साबित हो रहे हैं। लोकल सर्कल्स ने इस रिपोर्ट को रेल मंत्रालय को सौंपने का निर्णय लिया है, ताकि तत्काल टिकट व्यवस्था में व्याप्त खामियों को दूर किया जा सके।

भारत सरकार ने उठाया कदम

भारतीय रेलवे ने पहली बार इस बात का खुलासा किया कि आपकी टिकट ना होने के पीछे फ्रॉड एजेंट्स थे, जो ये सब किया करते थे। अब फर्जीवाड़ा रोकने के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने करीब 2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID को बंद कर दिया है। ये कार्रवाई तब की गई जब जांच में पता चला कि तत्काल टिकट बहुत जल्दी खत्म हो जाते हैं क्योंकि कुछ एजेंट और बॉट सिस्टम का गलत इस्तेमाल कर रहे थे।

जनवरी से मई 2025 के बीच, IRCTC ने करीब 2.9 लाख संदिग्ध PNR (यात्री नाम रिकॉर्ड) पकड़े, जो तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के सिर्फ 5 मिनट के अंदर बनाए गए थे। ये टिकट फर्जी अकाउंट्स से बुक किए गए थे, जो डिस्पोजेबल ईमेल आईडी से बने थे। इस तरीके से एजेंट्स ने कई टिकटें बुक कर लीं और फिर उन्हें महंगे दामों पर बेच दिया।

इसका नुकसान आम लोगों को हुआ, क्योंकि बुकिंग विंडो खुलते ही टिकट सेकंडों में खत्म हो जाती हैं। एक सर्वे के अनुसार, पहले ही मिनट में 73% लोग वेटिंग लिस्ट में चले गए, जिससे उन्हें मजबूरी में एजेंट्स के पास जाना पड़ा। तत्काल सिस्टम के इस दुरुपयोग से कई यात्री परेशान हो रहे हैं।

कैसे करे तत्काल टिकट रिजर्वेशन

तत्काल टिकट बुकिंग करने के लिए किसी भी थर्ड पर्सन का सहयोग न ले या किसी ऐसे एप्लीकेशन का प्रयोग ना करें ,जो भारत सरकार द्वारा ऑथराइज्ड ना हो खासकर जो टिकट करने की गारंटी देते हो।

अधिकारियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे उन ट्रेवल वेबसाइट्स पर भरोसा न करें जो पक्की टिकट मिलने की गारंटी देती हैं। एक अधिकारी ने कहा, “कोई भी ट्रैवल प्लेटफॉर्म कन्फर्म टिकट की गारंटी नहीं दे सकता, इसलिए लोग इनके झांसे में न आएं।” कुछ वेबसाइट्स प्रीमियम सर्विस के नाम पर 3 गुना रिफंड जैसी स्कीमें दिखाती हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ऐसे ऑफर्स का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी जरूर बरतें।

केंद्रीय रेलवे मंत्री ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि अब तत्काल टिकट आधार वेरिफिकेशन के आधार पर किया जाएगा इससे अनऑथराइज्ड रूप से तत्काल टिकट नहीं हो पाएगा और जरूरतमंद लोगों को आसानी से तत्काल टिकट मिल पाएगा।

(Source:- नवभारत टाइम, India Time economics, ज़ी न्यूज़, हिंदुस्तान)

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