तीन मज़दूर खदान में डूबे,तीसरा दिन भी कुछ पता नहीं चला,खोज जारी
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हाज़रीबाग़ ज़िला के केरेडारी ब्लॉक के तीन मजदूर खदान में डूब गए है और उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है।
जानकारी के आधार पर यह घटना तब हुई जब मजदूर नदी पार करने की कोशिश कर रहे थे और उसी समय तेज बारिश के कारण नदी का बहाव बढ़ गया था और वे पुरानी खदान नुमा गढ्ढे में जा डूबे।
क्या है पूरी घटना ??
हजारीबाग के केरेडारी प्रखंड अंतर्गत कंडाबेर गांव में दिनांक 21 मई को भारी बारिश के कारण खावा नदी में आए तेज बहाव में तीन मजदूर का खदान में डूब गए।
कंदाबेर के खावा नदी के किनारे अवैध कोयला उत्खनन काफी बड़े पैमाने पर किया जा रहा था । और दोपहर के वक्त अचानक मौसम ने करवट बदली , झमाझम तेज़ बारिश होने लगी ,जिस की मजदूर बारिश को देखते हुए खदान के अन्दर रखे मशीन को पानी से बचाने के लिए बाहर निकलने खदान के अन्दर पहुंचे थे ।
इसी बीच पानी के तेज बहाव के कारण नदी में बनी मेढ़ ढीली पड़ कर टूट गई और पानी का बहाव खदान तक आ पहुंचा और खदान में घुस गया, जिसके कारण तीनों मजदूर अंदर ही फंसे रह गए।
मजदूरों ने पानी पार करने का प्रयास किया, लेकिन तेज बारिश के कारण नदी का बहाव अधिक होने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।
मजदूरों के नाम
प्रमोद साव (लगभग 45 वर्ष), उमेश कुमार (25 वर्ष), और नौशाद आलम (25 वर्ष)
का खदान में डूबे तीन दिन हो चुके लेकिन अभी तक पता नहीं चल पाया है । इनमें प्रमोद साव व नौशाद आलम खदान संचालक थे. वहीं उमेश साव ट्रैक्टर चालक था,
बच्चों ने दी सूचना
स्थानीय बच्चे जो की वहां बकरी चराने गए थे, जिन्होंने यह घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी।
बच्चो के द्वारा स्थानीय लोगों को घटना के बारे में सूचना दी गई थी और फ़िर एनडीआरएफ को भी सूचना दी गई थी ।
" हजारीबाग डीसी नैन्सी सहाय के निर्देश पर एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई थी " ।
लगातार तीन दिन से खदान में फंसे मजदूरों का पता नहीं चल पाया है।
परिवार जन है परेशान
खदान में घटी घटना से परिवार का रो रो कर बुरा हाल है , वो लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं।
नौशाद की पत्नी अजमेरी खातून के अलावा तीन पुत्र और एक पुत्री है। प्रमोद साव की पत्नी मंजू देवी के अलावा दो पुत्र हैं, वहीं उमेश साव की पत्नी के अलावा एक पुत्र है ।
लापता लोगों के परिजन काफी परेशान हैं ।
खदान में लापता कंडाबेर गांव निवासी नौशाद की पत्नी अजमेरी खातून और प्रमोद साव की पत्नी मंजू देवी ने बातचीत के दौरान बताया कि " बुधवार दोपहर एक बजे खराब मौसम देखते हुए वे घर में खदान जाने की बात कर रहे थे , सबने मोबाइल फोन के माध्यम से बात की ओर फिर कंडा बेर खदान के पास जाने के क्रम में ग्रामीणों ने बताया कि तीनों खदान में डूब गए है । डूबने की सूचना मिलते ही परिवार जन खोज बीन करने पहुंचे ।
मोटर पंप का आश्वासन दिया
लगातर परिवार जन मदद की गुहार लगा रहे है । साथ ही प्रशासन ने मजदूरों को निकालने के लिए एनटीपीसी से मदद मांगी है। जानकारी के मुताबिक एनटीपीसी ने अवैध कोयला खदान से पानी निकालने के लिए तीन बड़े मोटर पंप उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है ।
घटना की जानकारी सुबह मिली थी अंचलाधिकारी रामरतन वर्णवाल ने कहा । फिर सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया । इसके बाद एनटीपीसी के अधिकारियों को फोन कर कंपनी से तीन वाटर पंप मंगाये गये । अब तीनों पंप की मदद से खदान का पानी सुखाने का प्रयास किया जा रहा है ।
अवैध कोयला उत्खनन की जानकारी नहीं
केरेडारी थाना प्रभारी विवेक कुमार के द्वारा बताया कि " उन्हें अवैध कोयला उत्खनन की किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं थी । उन्होंने कहा कि जंगल में कोयले की अवैध खदान चलती है, इसकी जानकारी मुझे पहली बार हुई है । साथ ही कहा कि लापता लोगों को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है । मामले की जांच-पड़ताल कर आगे अवैध कार्य में संलिप्त लोगों पर भी कार्रवाई की जायेगी ।
Story by श्रुति