IPS krishna prakash से जोहार हज़ारीबाग़ की खास बातचीत। Ironman
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by MD Fazal
IPS krishna prakash से जोहार हज़ारीबाग़ की खास बातचीत।
"मेरा जन्म और पालन छोटानागपुर की दुर्गम पहाड़ियों के इलाकों में हुआ है । और मेरी कर्मभूमि महाराष्ट्र की दुर्गम पहाडियों की बीच हुई है। इसलिए मिट्टी में और खून में लंबी दूरी के जितने भी अभियान होते हैं स्पोर्ट्स होते है। उसे करने को क्षमता मेरे में आई है।" IPS कृष्णा प्रकाश
आयरनमैन कृषणा प्रकाश का हजारीबाग से है पुराना लगाव,शहर के सदर अस्पताल में जन्मे है। कृष्णा Prakash वर्तमान में महाराष्ट्र मे आईपीएस ऑफिसर के पद पर निवुक्त है और आयरन मैन/Ultraman के नाम से जाने जाते हैं, इस शख्स का हजारीबाग से पुराना लगाव है। वे कहते है कि हजारीबाग की माटी ही मेरी सबसे बड़ी दिल की घड़कन है। यह उन्होंने बताया कि मेरी जन्म हजारीबाग में हुई है। वहां के सदर अस्पताल में जन्मा हूं। और संत रॉबर्ट विद्यालय में अपन शिक्षा दीक्षा संपन किया हूं उन्होंने बताया कि अल्ट्रा मैन traithalon mein बहुत ही मुश्किल से शामिल होने का मौका मिलता है।
जब मुझे सवाल किया गया कि "Why you should be"? Can you finish the competition? वह बहुत कठिन रेस है ?, I said," Yes I can do because, "तो मैने जवाब मैं , "कि मेरा जन्म और पालन छोटानागपुर की दुर्गम पहाड़ियों के इलाकों में हुआ है । और मेरी कर्मभूमि महाराष्ट्र की दुर्गम पहाडियों की बीच हुई है। इसलिए मिट्टी में और खून में लंबी दूरी के जितने भी अभियान होते हैं स्पोर्ट्स होते है। उसे करने को क्षमता मेरे में आई है।"
आयरन मैन ट्रायथलॉन में एक दिन में प्रतिभागी को 3.5 किमी की स्वीमिंग प्रतियोगिता, 180.2 किमी लंबी साइकिल प्रतियोगिता और 42.2 किमी लंबी दौड़ प्रतियोगिता पूरी करनी होती है. Aur Ultraman Traithalon mein 36 ghante mein 10 Km swimming, 461 Km Cycling aur 84 Km running (double Marathon) complete karna padta hai, ये सभी प्रतियोगिताएं प्रतिभागी को 36 घंटे में पूरी करनी पड़ती है.
और यह सब महज 36 घंटे में करना पड़ता है पर कृष्णा प्रकाश ने वह काम महज 34 घंटे 21 मिनट में करके खिताब हासिल किया है। और अब यह अल्ट्रमैन सह आयरन मैन के नाम से जाने जाते हैं। इतना ही नहीं इन्होने रेसक्रॉस बेस्ट अमेरिका मे वर्ल्ड के चौथे स्थान पर भी आए है। साथ में उन्होंने बताया कि हजारीबाग की मिटटी से मेरी मोहब्वत है जो कभी जा नहीं सकती हजारीबाग से मैं हमेशा जुड़ा रहूंगा साथ ही उन्होंने कहा कि व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से भी महान बनता है मेरा जितना प्रेम जन्मभुमि से है उतना ही प्रेम मुझे अपनी कर्मभूमि से भी है मैं पिछले 10 वर्ष पूर्व एक स्थान पर कार्य किया था वहां के लोग आज करते हैं इसलिए मैं प्रेम करता हूं। साथ हो उन्होंने बताया कि हमारे तौन भाई अपने अपने दवित्व पर बने हुए हैं। माताजी के निधन के बाद हम सभी का हजारीबाग आना बना रहेगा हम तीनो भाई हजारीबाग कौ मिट्टी से सदैव मोहब्बत करते रहेंगे। साथ हो बताया की हम सभी का परिवार मूलत रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड स्थित ग्राम कोराग्ब के निवासी हैं। अपने पैतक गांव कोराप्बे के नाम पर हो हजारीबाग आवास का नाम रखा गया है।