फोटो को एडिट करके सोशल मीडिया पर वायरल किया पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार
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फोटो को एडिट करके सोशल मीडिया पर वायरल किया
पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार
जैसे-जैसे लोग टेक्नोलॉजी की तरफ बढ़ रहे हैं लोगों के जीवन जीने की गति काफी तेज होने लगी है।भाग दौड़ भरी जिंदगी में सब कुछ इतनी तेज गति से बदल रहा है कि इस बदलाव में हमारे जीवन जीने के ढंग पूरी तरीके से बदल गया है। पहले किसी भी खबर जानकारी को पुराना कहने में कुछ वक्त लगता था। परंतु इंटरनेट और मोबाइल फोन का हमारी जिंदगी में बढ़ते इस्तेमाल से जानकारी और खबरे पल-पल में बदल रही है।
मोबाइल इंटरनेट और टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी को पूरी तरह से आसान कर दिया जिस काम के लिए हमें घंटा इंतजार करना पड़ता था कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी मानसिक और आर्थिक रूप से मेहनत करना पड़ता था। इसमें पूरी तरीके से बदलाव आ गया है अब घर बैठे ही हम अपने जिंदगी की जुड़ी हुई, सभी महत्वपूर्ण कामों को आसानी से कर लेते हैं।और इस काम को पूरा करने में जो प्रमुख भूमिका निभाते हैं वह है मोबाइल इंटरनेट और टेक्नोलॉजी
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर पहलू के दो पक्ष होते हैं एक सकारात्मक तो दूसरा नकारात्मक इंटरनेट के जहां अनेकों इस्तेमाल हैं तो वही इससे जुड़ी हुई कई समस्याएं भी अब आने लगी है जिसमें सबसे प्रमुख समस्या है साइबर क्राइम।
आए दिन हमें अखबारों में अन्य माध्यमों से खबर सुनते हैं कि ओटीपी के नाम पर, फर्जी पर्सनल इनफॉरमेशन के नाम पर ,लॉटरी जीतने में फ्रॉड लिंक को क्लिक करने पर, इंटरनेट पर झूठी और भ्रामक तथ्यों को रखकर लोगों का आर्थिक और मानसिक शोषण करना, सोशल मीडिया पर गलत तरीके के तस्वीर वीडियो साझा कर ने की धमकी देना और ब्लैकमेलिंग करना जैसे अनगिनत ऐसे तरीके हैं जिसे लोगों के सामने समस्या का एक नया स्वरूप खड़ा कर दिया है। आए दिन सैकड़ो घटनाएं साइबर क्राइम से जुड़ी हुई हम लोगों के बीच आती है।
बढ़ते साइबर क्राइम की घटनाओं को देखते हुए आईटी एक्ट का निर्माण किया गया जिसमें सोशल मीडिया इंटरनेट और टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए किसी भी तरह के अनैतिक और गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कानून बनाए गए हैं।
हर साल साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। 2024 में, भारत में 1.91 मिलियन साइबर अपराध शिकायतें दर्ज की गईं, जो 2023 के 1.55 मिलियन से अधिक हैं, जैसा कि द टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया है। 2025 में, साइबर अपराध की वैश्विक लागत 10.29 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है(टेक टारगेट के अनुसार)।
साइबर क्राइम के कई तरीके हो सकते हैं जिसे हम अलग-अलग स्वरूप और अलग-अलग नाम से जानते हैं
फ़िशिंग जिसमें ईमेल या संदेशों के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी (जैसे, उपयोगकर्ता नाम, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर) प्राप्त करने का प्रयास है।किसी और की पहचान का उपयोग करके धोखाधड़ी करना, जैसे कि उनके बैंक खाते का उपयोग करना या उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड लेना। किसी संगठन के कंप्यूटर सिस्टम से डेटा की चोरी। रैनसमवेयर जो एक प्रकार का मैलवेयर है जो फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट करता है और उन्हें डिक्रिप्ट करने के लिए फिरौती की मांग करता है। साइबर स्टॉकिंग जिसमें किसी व्यक्ति को ऑनलाइन परेशान करना, धमकाना या डराना।सोशल इंजीनियरिंग में लोगों को धोखा देने और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के लिए मानवीय भावनाओं का उपयोग किया जाता है।
2019 से 2024 तक, हजारीबाग में 435 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं,हजारीबाग पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की है और कुछ मामलों में गिरफ्तारी भी की है, (ईटीवी न्यूज के अनुसार)
ऐसे ही साइबर क्राइम की एक घटना घटित हुई है जिसमें क्राइम करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी कर ली गई है। सुबोध कुमार सिंह और उनकी पत्नी ने हजारीबाग के साइबर क्राइम थाने में आवेदन दिया था कि उनकी पत्नी का एडिट किया हुआ गलत तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है इससे उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से काफी आघात पहुंचा था इस घटना के संदर्भ में उन्होंने थाने में आवेदन दिया जिसके लिए एक टीम का गठन किया गया और टीम को जल्द ही सफलता मिली वह व्यक्ति जो तस्वीर को एडिट करके सोशल मीडिया में शेयर करने का काम किया वह 28 वर्षीय युवक चतरा निवासी छोटू
कुमार उर्फ मंदीप कुमार उर्फ अवनीश राज था।
इस घटना के बाद गठित टीम ने अपराधी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।